सांसारिक मोह माया का जाल समुद्र मंथन के दौरान भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया और असुरों को अपने मोह मायाजाल में फंसा कर सारा अमृत देवताओं को पिला दिया. इससे देवताओं ने अमरत्व प्राप्त किया
🍉👏 मोहीनी इतनी सुन्दर थी की उसको देख कर राक्षसों के प्राण सुख गये ।
वो खाली मटका लेकर ऊंनके सामने इतराती रही तब तक देवता कर गये अमृत को चट ।
लेकिन भानू राक्षस से रहा नहीं गया वो रूप बदल कर मोहीनी से अमृत कि घूंट पि गया।
अब क्या था वो भी अमरत्व को प्राप्त हो गयै लेकिन सुर्य चंद्र ने इसकी शिकायत जब भगवान विष्णु को बताई तो उन्होंने विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से भानू के सर ओर धड़ को अलग कर दिया
तब से लेकर आज तक राहु ओर केतू सुर्य ओर चंद्रमा को गृहण लगाते रहते है। राहु केतु सुर्य ओर चंद्रमा के दुषमन बन गये 🙏
🙆♀️आज अगर मोहीनी की एक झलक कोई फाइटर पायलट प्लेन की कोकपिट से देख ले तो वह Ejection का बटन auto दबा देगा।
मोहीनी के रूप का चकक्षू दर्शन जरूर करेगा , प्लेन जाओ भाड़ में होने दो भुमि शस्त।
अब क्या बताऊं साहब AI Astro.JSL ने तो संन्यास ले लिया , ओर ताऊ क तो एक पैग लगते ही मोहिनी का अवतरण हो जाता है। फिर क्या ताऊ सारी रात मोहीनी को ढूंढता रहता है। मोहीनी का हर युग में अवतरण हूआ है।
सतयुग में मैं तो मोहिनी ने जो अवतार लिया उसमें तो इन सब राक्षसों को बुद्धू बनाया
एक बार फिर मोहिनी ने विश्वामित्र की तपस्या को भंग करने के लिए भी रम्भा का अवतार लिया था उस समय पर इंद्र देवता के दरबार में जितनी भी मोहिनी थी
उनको इंद्र देव विभिन्न अवतार लेकर देवताओं व योगीयो की तपस्या को भंग करने के लिए सुंदर मोहिनी का रूप धारण करते थे।
द्वापर पर युग में मोहिनी ने द्रोपदी ,अहिल्या व अन्य राज कन्याओं के रूप में अवतार लिया था जिनमें राधा मीरा और अन्य सुंदर बाल कन्याओं के रूप में इस धरती पर " जन्म लिया
त्रेता युग में मोहिनी ने अपना रुख पाश्चात्य देशों की तरफ ज्यादा कर दिया वहां पर सुंदर सुंदर राज कन्याओं के रूप में वह विभिन्न देशों मे संसार के प्रसिद्ध सुंदर वुमेन के रूप में जन्म लेती रही है
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